Tuesday, 2 August 2022

ग़बन मुंशी प्रेमचंद

 ग़बन मुंशी प्रेमचंद


ग़बन मुंशी प्रेमचंद


गबन उपन्यास का उद्देश्य क्या है?

ग़बन का मूल विषय है - 'महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव'। ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया।


गबन उपन्यास की समस्या क्या है समझाइए?

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गबन उपन्यास एक यथार्थवादी रचना हैं. इसमें भारतीय समाज की प्रमुख समस्या नारी के आभूषण प्रेम एवं नवयुवकों की मौज मस्ती व विलासिता की प्रवृत्ति को चित्रित किया गया हैं.


गबन उपन्यास की रचना कब हुई थी?

इसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका 'चाँद' में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।


गबन उपन्यास के नायक का क्या नाम है?

रमानाथ गबन उपन्यास का प्रमुख पुरूष पात्र है। उपन्यास का नायक होने के साथ-साथ वह वर्तमान युग के युवा वर्ग का प्रतिनिधि है।


गबन उपन्यास में गठन कौन करता है?

हम गबन के पात्रों के बारे में जानते हैं जालपा और रामनाथ की इस कहानी को प्रेमचंद जी ने इस पात्रों के जरिये कहानी को गति दी हैं.

पुरुष पात्र- रामनाथ, देवीदीन, रमेश बाबू दीनदयाल, इन्दुभूषण, मणिभूषण.

स्त्री पात्र- जालपा, रतन, जग्गो, जोहरा, रामेश्वरी, जानेश्वरी


गबन उपन्यास का रचना काल क्या लिखिए?

इसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका 'चाँद' में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।


गबन उपन्यास की नायिका जालपा के पिता का नाम क्या है?

कथानक में अनावश्यक घटनाओं और विस्तार का अभाव है। प्रयाग के छोटे से गाँव के जमींदार के मुख़्तार महाशय दीनदयाल और मानकी की इकलौती पुत्री जालपा को बचपन से ही आभूषणों, विशेषत: चन्द्रहार की लालसा लग गयी थी।नायिका जालपा के पिता का नाम दीनदयाल है।


गबन का मतलब क्या होता है?

गबन का अर्थ दूसरे के धन को अनुचित तरीके से हड़पना होता है । ग़बन का मूल विषय है - 'महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव'। ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया।


गबन उपन्यास में रमानाथ घर से भागकर कौन से शहर गया?

इसे सुनेंरोकेंगबन उपन्यास में रमानाथ घर से भागकर कलकत्ता शहर गया था, जिसे अब कोलकता का नाम से जाना जाता है। 'गबन' उपन्यास में मुंशी प्रेमचंद ने मध्यम वर्गीय समाज से संबंधित रखने वाली समस्याओं जैसे दिखावा, आडंबर, विधवा विवाह, दहेज समस्या, आभूषणों के प्रति लगाव आदि जैसी समस्याओं का यथार्थ रूप से चित्रण किया है


प्रेमचंद के उपन्यास गबन में मुख्यतः समाज का कौन सा वर्ग उभरा है?

गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवंत बना दिया गया है।

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