गोदान मुंशी प्रेमचंद
गोदान की कहानी क्या है?
'गोदान' होरी की कहानी है। उस होरी की जो जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके और इसलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है किन्तु उसे इसका फल नहीं मिलता फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता। अंततः वह तप-तप के अपने जीवन को ही होम कर देता है।
गोदान उपन्यास का महत्व क्या है?
गोदान हिंदी उपन्यास के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं, ऐसी संस्कृति जो अब समाप्त हो रही है या हो जाने को है, फिर भी जिसमें भारत की मिट्टी की सोंधी सुबास भरी है। प्रेमचंद ने इसे अमर बना दिया है।
होरी का गोदान हो गया का मतलब क्या है?
गोदान नामक उपन्यास में होरी नामक पात्र था। उस पात्र की तीव्र इच्छा थी कि वह अपने घर में गाय पाले। परन्तु जब वह मरता है, तो उसके गोदान के लिए तक उसकी पत्नी के पास पैसे नहीं होते हैं। लेखक ने उसी पात्र की खराब दशा का वर्णन इन शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया है।
गोदान उपन्यास में गाय का क्या नाम है?
होरी गाय खरीदता है, सारा गांव देखने आता है। शोभा उदासीन है, लेकिन हीरा ईष्र्या से भर उठता है। वह गाय को विष देता है। होरी उसे देखता है, लेकिन पुलिस में उसकी रिपोर्ट नहीं करता।
गोदान की प्रमुख समस्या क्या है?
विवाह की समस्याएं गोदान की एक मुख्य समस्या है जिसका चित्रण गोदान में हुआ है। दहेज के कारण विवाह होने में बाधा , बाल विवाह तथा विधवा की समस्या अनमेल विवाह या वृद्ध विवाह का उदहारण इस उपन्यास में देखा जा सकता है। होरी की बेटी सोना के विवाह में दहेज की समस्या के कारण बढ़ा बनता है।
गोदान उपन्यास का मुख्य पात्र कौन है?
प्रेमचंद ने गोदान को संक्रमण की पीड़ा का दस्तावेज़ बनाया है । इस उपन्यास में होरी ही एकमात्र ऐसा पात्र है जो युग के साथ बदलता नहीं है। यही न बदलना होरी की शख्सियत का अहम पक्ष है ।
गोदान उपन्यास के नायक का नाम क्या है?
गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं, ऐसी संस्कृति जो अब समाप्त हो रही है या हो जाने को है, फिर भी जिसमें भारत की मिट्टी की सोंधी सुबास भरी है। प्रेमचंद ने इसे अमर बना दिया है।
गोदान की विधा क्या है?
उपन्यास | गोदान” उपन्यास की रचना मुंशी प्रेमचंद ने सन 1936 में की। यह उपन्यास हिंदी साहित्य में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
होरी के गांव का क्या नाम है?
'गोदान' उपन्यास में बेलारी गाँव के किसान होरी के जीवन संघर्ष का चित्रण भारतीय किसान के संघर्ष को उजागर करता है ।
गोदान उपन्यास में कितने पात्र है?
होरी
भोला
हीरा
शोभा
सोना
रूपा
पंडित ओकार नाथ
श्याम बिहारी तंखा
मिस्टर खन्ना
गोदान उपन्यास के लेखक का नाम क्या है?
गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। कुछ लोग इसे उनकी सर्वोत्तम कृति भी मानते हैं। इसका प्रकाशन १९३६ ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था। इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है। गोदान ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य माना जाता है। इसमें प्रगतिवाद, गांधीवाद और मार्क्सवाद (साम्यवाद) का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है।
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